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Trump Reacts to Pahalgam Terrorist Attack: ‘India-Pakistan Will Figure It Out’

 New Delhi, April 26 In the aftermath of the horrific terrorist attack in Pahalgam, Kashmir, President Donald Trump has reacted by saying, “There has always been tension between India and Pakistan; they’ll figure it out.” His comments, made during a media interaction, have sparked widespread debate. While some analysts see it as a diplomatic stand, many criticized the indifference toward India’s longstanding struggle against Pakistan-sponsored terrorism. The attack, which tragically claimed the lives of 26 Hindu tourist and injured several others, was yet another grim reminder of the challenges India faces in maintaining peace in the region. Pakistan-Backed Terrorism Strikes Again According to Indian security agencies, the terrorist group The Resistance Front (TRF)  believed to be a proxy of the banned Lashkar-e-Taiba, based in Pakistan  is suspected to have carried out the brutal attack. This assault on innocent civilians has drawn strong condemnation from across India, ...
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बलूचिस्तान की पुकार – दमन के विरुद्ध एक जनआंदोलन

  25अप्रैल 2025  |  नई दिल्ली  |   लेखक: डॉ. जी. एस. पांडेय बलूचिस्तान का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य बलूचिस्तान , जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, ऐतिहासिक रूप से एक स्वतंत्र और स्वायत्त क्षेत्र रहा है। ब्रिटिश भारत के दौरान, यह क्षेत्र मुख्य रूप से चार भागों में विभाजित था: कालात , मकरान , लासबेला और खरान । इनमें से कालात सबसे प्रमुख था, जिसे एक स्वतंत्र रियासत के रूप में मान्यता प्राप्त थी।​ 15 अगस्त 1947 को, जब भारत और पाकिस्तान स्वतंत्र हुए, तब कालात ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। हालांकि, पाकिस्तान ने इस स्वतंत्रता को स्वीकार नहीं किया और 27 मार्च 1948 को कालात को पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया। इस विलय के खिलाफ बलूच नेताओं ने विरोध किया, जिसे पाकिस्तान ने बलपूर्वक दबा दिया।​ बलूचिस्तान का पाकिस्तान में विलय: एक विवादास्पद प्रक्रिया टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित मेजर जनरल (रिट.) डॉ अनिल कुमार लाल के एक लेख के अनुसार, बलूचिस्तान के खान ऑफ कालात , मीर अहमदयार खान ने भारत में विलय का प्रस्ताव दिया था। लेकिन 27 मार्च 1948 को अखिल भारतीय रेडियो पर...

सिंधु जल संधि का निलंबन: भारत जल कूटनीति में रणनीतिक परिवर्तन की ओर

                                                                                   Photo by Edward Byers on Unsplash 24 अप्रैल 2025 | नई दिल्ली |   लेखक: डॉ. जी. एस. पांडेय भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुई सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty - IWT) को एक ऐसी संधि माना जाता है , जिसने तीन युद्धों और अनेक सैन्य संघर्षों के बावजूद दोनों देशों को जल विवादों से अलग रखा। यह संधि विश्व बैंक की मध्यस्थता में तैयार हुई थी और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सफल जल - वितरण समझौते के रूप में सराहा गया। लेकिन हाल ही में भारत द्वारा इस संधि को निलंबित करने का निर्णय न केवल उपमहाद्वीप की भू - राजनीति को प्रभावित करेगा , बल्कि भारत की जल कूटनीति में एक निर्णायक मोड़ भी साबित हो सकता है । सिंधु ...